प्रस्तावना : दिनचर्या अर्थात रोजमर्रा में किए जाने वाले कार्य। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जो कार्य करते हैं उसे दिनचर्या कहते हैं।
दिनचर्या की शुरूआत प्रात: सुबह 4 बजे से शुरू होती है। हर व्यक्ति विशेष को अपनी दिनचर्या स्वस्थ व अनुशासित बनानी चाहिए ताकि वह अपना जीवन सही तरीके से गुजार सकें।
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दिनचर्या में अनुशासन का महत्व: जीवन में दिनचर्या को सुचारू रूप से चलाने के लिए अनुशासन अतिमहत्वपूर्ण हैं क्योंकि बिना अनुशासन के हम अपनी दिनचर्या को सही रूप से नहीं चला पाएंगे।
पहले के जमाने के लोगों की दिनचर्या बेहद ही अनुशासित होती थी इसीलिए वे इतने तंदुरूस्त रह पाते थे। यदि हम बच्चों को भी तंदुरूस्त रहना है तो अपनी दिनचर्या में अनुशासन को स्थान देना ही होगा।
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दैनिक दिनचर्या में करने योग्य कार्य : दैनिक दिनचर्या में अगर निम्नांकित आवश्यक नियमों का पालन किया जाए तो ऊर्जा के विकास में गति तो होगी ही साथ ही साथ बीमारियों से भी दूर रहकर स्वस्थ एवम समृद्ध जीवन जिया जा सकता है।
दिनचर्या को प्रात: जल्दी शुरू करें।
प्रात: जल्दी नहाकर भगवान का पाठ करने के बाद नाश्ता करें।
फिर अपने स्कूल के लिए तैयार होकर स्कूल जाएं।
प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है।
भोजन के समय मौन रहे।
भोजन को बहुत चबा चबा कर खाएं।
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उपसंहार : आज का मानव बेहद ही आलसी हो गया है। वह अपनी दिनचर्या को ठीक तरीके से चलाना भूल गया है। यदि मानव को सुख, शांति और स्वस्थ जीवनयापन करना है तो उसे अपनी दिनचर्या को सही रूप देना होगा।
(समाप्त)
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आधुनिक दिनचर्या : आज के आधुनिक जमाने की दिनचर्या बेहद ही अलग हो चुकी है परंतु आज के लोग भी अपनी दिनचर्या को लेकर काफी सजग हो गए हैं क्योंकि यदि किसी व्यक्ति की दिनचर्या ठीक तरीके से नहीं चलती हैं तो उसके सभी कार्य रूक जाते हैं।
इसलिए हमें समय के मुताबिक कार्यों को करना चाहिए ताकि हमारी दिनचर्या भी सही तथा सुचारू रूप से चलती रहें।
दिनचर्या की शुरूआत प्रात: सुबह 4 बजे से शुरू होती है। हर व्यक्ति विशेष को अपनी दिनचर्या स्वस्थ व अनुशासित बनानी चाहिए ताकि वह अपना जीवन सही तरीके से गुजार सकें।

दिनचर्या में अनुशासन का महत्व: जीवन में दिनचर्या को सुचारू रूप से चलाने के लिए अनुशासन अतिमहत्वपूर्ण हैं क्योंकि बिना अनुशासन के हम अपनी दिनचर्या को सही रूप से नहीं चला पाएंगे।
पहले के जमाने के लोगों की दिनचर्या बेहद ही अनुशासित होती थी इसीलिए वे इतने तंदुरूस्त रह पाते थे। यदि हम बच्चों को भी तंदुरूस्त रहना है तो अपनी दिनचर्या में अनुशासन को स्थान देना ही होगा।

दैनिक दिनचर्या में करने योग्य कार्य : दैनिक दिनचर्या में अगर निम्नांकित आवश्यक नियमों का पालन किया जाए तो ऊर्जा के विकास में गति तो होगी ही साथ ही साथ बीमारियों से भी दूर रहकर स्वस्थ एवम समृद्ध जीवन जिया जा सकता है।
दिनचर्या को प्रात: जल्दी शुरू करें।
प्रात: जल्दी नहाकर भगवान का पाठ करने के बाद नाश्ता करें।
फिर अपने स्कूल के लिए तैयार होकर स्कूल जाएं।
प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है।
भोजन के समय मौन रहे।
भोजन को बहुत चबा चबा कर खाएं।

उपसंहार : आज का मानव बेहद ही आलसी हो गया है। वह अपनी दिनचर्या को ठीक तरीके से चलाना भूल गया है। यदि मानव को सुख, शांति और स्वस्थ जीवनयापन करना है तो उसे अपनी दिनचर्या को सही रूप देना होगा।
(समाप्त)
आधुनिक दिनचर्या : आज के आधुनिक जमाने की दिनचर्या बेहद ही अलग हो चुकी है परंतु आज के लोग भी अपनी दिनचर्या को लेकर काफी सजग हो गए हैं क्योंकि यदि किसी व्यक्ति की दिनचर्या ठीक तरीके से नहीं चलती हैं तो उसके सभी कार्य रूक जाते हैं।
इसलिए हमें समय के मुताबिक कार्यों को करना चाहिए ताकि हमारी दिनचर्या भी सही तथा सुचारू रूप से चलती रहें।
Daily yoga
Reviewed by Ali khan
on
April 03, 2020
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